छत्तीसगढ़दुर्ग

चर्म रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति व कैथ लैब के लिए लगाई गुहार

जनदर्शन में 105 आवेदन प्राप्त हुए

*- ग्राम गोंडपेंड्री में जल निकासी बाधित, गांव में जलभराव से बीमारियों का खतरा

दुर्ग – जिला कार्यालय के सभाकक्ष में कलेक्टर  अभिजीत सिंह के निर्देशानुसार डिप्टी कलेक्टर उत्तम ध्रुव ने जनदर्शन कार्यक्रम में पहुंचेे जनसामान्य लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनी। उन्होंने जनदर्शन में पहुंचे सभी लोगों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और समुचित समाधान एवं निराकरण करने संबंधित विभागों को शीघ्र कार्यवाही कर आवश्यक पहल करने को कहा। जनदर्शन में अवैध कब्जा, आवासीय पट्टा, प्रधानमंत्री आवास, भूमि सीमांकन कराने, आर्थिक सहायता राशि दिलाने सहित विभिन्न मांगों एवं समस्याओं से संबंधित आज 105 आवेदन प्राप्त हुए।

जनदर्शन कार्यक्रम में ग्राम सभा नंदकठी एवं ग्रामवासियों ने बताया कि गांव की शासकीय चारागाह भूमि पर कुछ किसानों द्वारा धान और सब्जी की फसल बोई जा रही है, जिससे मवेशियों के लिए चारे की समस्या उत्पन्न हो गई है। चरवाहों ने पशुओं को चराने से इनकार कर दिया है, जिसके चलते मवेशी फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ग्राम सभा में इस संबंध में बात रखी गई, जिसके उपरांत कुछ किसानों ने कब्जा हटाया, लेकिन अभी भी कुछ लोगों द्वारा अतिक्रमण जारी है। ग्रामवासियों ने अतिक्रमण हटाकर चारागाह भूमि को मुक्त कराने की मांग की है। इस पर डिप्टी कलेक्टर ने तहसीलदार दुर्ग को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

दुर्ग निवासी ने जिला चिकित्सालय में चर्म रोग विशेषज्ञ डॉक्टर की नियुक्ति करने व कैथ लैब की व्यवस्था के लिए आवेदन दिया। उन्होंने बताया कि जिला चिकित्सालय में चर्म रोग विशेषज्ञ डॉक्टर की नियुक्ति नही होने से एवं कैथ लैब के अभाव में मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। त्वचा संबंधी रोगों से पीड़ित लोगों को निजी क्लीनिकों में जाना पड़ रहा है, जिससे आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है। इस पर डिप्टी कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को आवश्यक कार्यवाही करने को कहा।

इसी तरह ग्राम गोंडपेंड्री के किसानों एवं ग्रामवासियों ने जल निकासी रास्ता बंद किए जाने की शिकायत की। ग्राम गोंडपेंड्री (तहसील पाटन) के किसानों ने बताया कि खदान मालिक द्वारा जल निकासी का रास्ता बंद कर दिए जाने के कारण लगभग 70 एकड़ कृषि भूमि पर फसले बर्बाद होने की स्थिति में हैं। जल निकासी रास्ता बंद करने से गांव की बस्ती में पानी भरने से मौसमी बीमारियों का खतरा भी बना हुआ है। इस संबंध में डिप्टी कलेक्टर ने एसडीएम और तहसील पाटन को निरीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही करने को कहा। इस दौरान नगर निगम दुर्ग, रिसाली, भिलाई, खाद्य विभाग, समाज कल्याण विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे।

 

 

Navin Dilliwar

Editor, thesamachaar.in

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