
भिलाई – मैत्रीबाग आने वाले पर्यटकों के लिए एक अच्छी खबर है। चिड़ियाघर में आज एक नया मेहमान लाया गया है। नंदन कानन जू से यहां एक युवा क्रोकोडायल को लाया गया है। इसके साथ ही मैत्रीबाग में करीब साल भर पूर्व लाए गए एक नर मगरमच्छ को उसका साथी मिल गया है।
मैत्रीबाग में वन्यप्राणी विनिमय के तहत एक मगरमच्छ लाया गया। इसके साथ ही भिलाई से बिलासपुर के कानन पेंडारी जू को शेष बचे 10 सांभर भेजे गए। यह मगरमच्छ कानन पेंडारी जू, बिलासपुर से वहाँ के वन्य प्राणी पशु विशेषज्ञ व जू अधिकारी डॉ. चन्दन एवं उनकी टीम के नेतृत्व में मैत्री बाग लाया गया। इसके बाद वन्यजीव विशेषज्ञ, मैत्री बाग प्रभारी एवं महाप्रबंधक डॉ. एनके जैन व उनकी टीम ने मगरमच्छ को उसके बाड़े में सुरक्षित रूप से छोड़ा गया। कार्यकारी मुख्य महाप्रबंधक एबी श्रीनिवास, डीजीएमआर गर्ग, वरिष्ठ प्रबंधक मृदुल गुप्ता, शंकर अग्रवाल, योगेश चन्द्राकर, ललित यादव उपस्थित थे उपस्थित रहे
मगरमच्छ युवा और 8 फीट से ज्यादा लंबा है-
मैत्रीबाग में लाया गया मगरमच्छ युवा है और इसको लंबाई 8 फीट है। यह साल्ट फ्रेश वाटर प्रजाति का है, जो आमतौर पर पानी में रहना पसंद करते हैं तथा ठंड के मौसम में पानी से बाहर आकर धूप सेंकते हैं। कभी कभी यह मगरमवङ ३ से 4 घंटे तक लगातार धूप में रह सकते हैं। साल्ट फ्रेश वाटर कोकोडाइल सरक कोकोडाइल की तुलना में अधिक लंचा और वजनी होता है। इनकी औसत आयु 40 से 50 वर्ष होती है। इसके पूर्व एक युवा नर मगरमछ और चार चार्किंग डियर पहले ही मैत्री बाग लाए जा चुके हैं। 20 सामर के बदले बिलासपुर से प्राप्त होने वाले सभी वन्यजीव अब मैत्रीबाग आ चुके है।