जब भजन गायिका शहनाज अख्तर ने गाया ‘ माई कर रही सोला रे’, तो झूम उठे हजारों की तादाद में दुर्गवासी…..

6 सितम्बर दुर्ग –
मुंबई में लाल बाग के राजा की तर्ज पर दुर्ग के गंजपारा चांदनी चौक के राजा (गणेश प्रतिमा) का भव्य दरबार सजा है। यहां आकर्षक तरीके से लाइटिंग की गई है, जो रात में पंडाल की शोभा को और बढ़ा देती है। इस दरबार की शोभा बढ़ाने मंगलवार को भजन संध्या का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश की प्रसिद्ध भजन गायिका शहनाज अख्तर ने मनमोहक प्रस्तुति दी. हज़ारो की संख्या लोग इस प्रोग्राम में शामिल हुआ जहां, शहनाज द्वारा गाए भजनों में दुर्ग वासी जमकर झूमें.

दुर्ग की श्री नवयुवक मित्र मंडल गणेशोत्सव समिति के सदस्य बंटी शर्मा ने बताया कि समिति पिछले 40 सालों से लगातार गंजपारा में गणेश प्रतिमा बिठाई जा रही है। कोरोना के चलते दो सालों तक कार्यक्रम नहीं हुआ। इसलिए इस बार इसे और भी भव्य रूप से मनाया जा रहा है। इस साल समिति ने मुंबई के लाल बाग के राजा की तर्ज पर गणेश पंडाल को सजाया है। यहां 12 फीट ऊंची नक्काशीदार गणेश जी की प्रतिमा विराजमान की गई है। कोलकाता से आए कलाकारों ने फूलों से पंडाल को सजाया गया है।

और इसी के तहत भजन संध्या का आयोजन किया गया जिसमें मध्य प्रदेश की प्रसिद्ध भजन गायिका शहनाज अख्तर ने जबरदस्त प्रस्तुति दी, जहाँ लोग उनके गानों पर जमकर झूमें. हजारों की संख्या में महिलाएं भी देर रात तक शहनाज अख्तर के गानों का लुप्त उठाती रही.
आपको बताते चलें कि शहनाज अख्तर एक मुस्लिम भजन गायिका है जो माता(देवी) के भजन गाती हैं ।
शहनाज अख्तर का जन्म एमपी के सिवनी जिले के पास स्थित बरघाट में एक मुस्लिम परिवार में हुआ था। मुस्लिम परिवार से संबंध रखते हुए भी उन्होंने 10 साल की उम्र में माता के भजन नवरात्रों में गाना शुरू कर दिया था और उन्होंने 2005 में अपना पहला एल्बम भी रिलीज किया। अब तक वह 75 एल्बम जारी कर चुकी है ।
शहनाज अख्तर मुस्लिम समुदाय से है और वह हिंदू समुदाय की देवी के भजन गाती है तो इसी वजह से उसके समाज और परिवार वालों ने उसे रोका भी था और उसके खिलाफ फतवा भी जारी हुआ था। और उसे धार्मिक मान्यता की नसीहत भी दी थी ।
लेकिन शहनाज अख्तर हमेशा कहती हैं कि जब उसे माता के भजन गाकर पहचान मिली है तो भजन गाने में और मंदिर में पूजा करने में क्या बुराई है।



