छत्तीसगढ़दुर्ग

महापौर कहा नालियों में गोबर बहाने पर जुर्माना के साथ साथ काटा जाएगा घर का नल कनेक्शन

🔹महापौर ने डेयरी संचालकों को दी सख्त चेतावनी,नालियों में गोबर बहाने वालों पर लगेगा भारी जुर्माना

🔹घर का नल कनेक्शन भी काटेगा निगम,निरीक्षण में लापरवाही मिलने पर सुपरवाइजरों पर भी कार्रवाई होगी

🔹डेयरी संचालकों को 10 दिन का अंतिम मौका, 1 अक्टूबर से शुरू होगी सख्ती

दुर्ग – नगर पालिक निगम दुर्ग की महापौर अलका बाघमार ने प्रभारी नीलेश अग्रवाल व स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेद्र मिश्रा, कर्मशाला अधिकारी शोएब अहमद सहित सफाई दरोगा,सुपर वाइजर एवं शहर के विभिन्न डेयरी संचालकों के साथ आज निगम मुख्यालय के सभागार में शहर के डेयरी संचालकों की विशेष बैठक ली।बैठक में महापौर ने डेयरी संचालकों को साफ-सफाई बनाए रखने और नालियों में गोबर डालने पर रोक लगाने की सख्त हिदायत दी। उन्होंने साफ कहा कि नगर निगम की अपील को अनदेखा करने वालों पर अब सीधी कार्रवाई की जाएगी।

नागरिकों की शिकायतें बनी बैठक का कारण-

महापौर ने कहा कि लगातार यह शिकायतें मिल रही हैं कि डेयरियों से निकलने वाला गोबर सीधे नालियों और सड़कों में फेंक दिया जाता है। इससे न केवल नालियां जाम हो रही हैं बल्कि पूरे मोहल्ले में दुर्गंध फैल जाती है। नागरिक इस अव्यवस्था को झेलने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि यह लापरवाही जनता के स्वास्थ्य और शहर की स्वच्छता दोनों के लिए गंभीर खतरा है।

निरीक्षण में मिली गंदगी-

महापौर अलका बाघमार ने बताया कि हाल ही में विभिन्न वार्डों का निरीक्षण किया गया। इस दौरान कई जगहों पर नालियों में गोबर बहते हुए पाया गया और सड़कों व गलियों में गंदगी का अंबार दिखा। इस पर उन्होंने कहा कि सिर्फ डेयरी संचालक ही नहीं बल्कि क्षेत्र के सुपरवाइजर भी जिम्मेदार होंगे। निरीक्षण के दौरान यदि लापरवाही पाई जाती है तो सुपरवाइजरों पर भी कार्रवाई होगी।

डेयरी संचालकों के लिए आखिरी अपील-

महापौर ने डेयरी संचालकों को साफ शब्दों में कहा कि यह आखिरी अपील है। अब बार-बार निवेदन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा गोबर को नालियों में न बहाएं।

गोबर से कंडा तैयार करें और उसका उपयोग करे, महापौर ने कहा गोबर से बायोगैस बनाने का आह्वान किया है, जिससे स्वच्छ ऊर्जा और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा. बायोगैस उत्पादन, जो गाय के गोबर और अन्य जैविक कचरे से होता है, मीथेन का एक नवीकरणीय स्रोत प्रदान करता है।

डेयरी क्षेत्र में नियमित सफाई सुनिश्चित करें-

महापौर ने कहा कि यदि डेयरी संचालक समझाइश को नहीं मानते हैं तो उनके खिलाफ सीधे कार्रवाई की जाएगी। कार्रवाई के तहत

सख्त कार्रवाही के साथ साथ संबंधित संचालक का घर का नल कनेक्शन काटा जाएगा।

10 दिन की मोहलत, 1 अक्टूबर से शुरू होगी सख्ती

महापौर ने बैठक में बताया कि डेयरी संचालकों को अंतिम बार 10 दिन का समय दिया जा रहा है। यह समय उन्हें अपनी व्यवस्थाओं को सुधारने और निगम के निर्देशों का पालन करने के लिए है।उन्होंने कहा 1 अक्टूबर से किसी को समझाइश नहीं दी जाएगी। सीधे जुर्माना और कार्रवाई की जाएगी।

Navin Dilliwar

Editor, thesamachaar.in

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