
गरियाबंद/देवभोग – छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के देवभोग में एक अनोखा मंदिर है, जहां भगवान जगन्नाथ स्वयं लगान वसूली कराते हैं। यह परंपरा 124 साल पुरानी है, जो आज भी उसी श्रद्धा और भक्ति के साथ निभाई जा रही है। इस मंदिर का सीधा संबंध पुरी के जगन्नाथ मंदिर से है और इसकी परंपराएं भी उतनी ही रोचक और ऐतिहासिक हैं।
हर साल फसल कटाई के बाद गांव-गांव घूमकर झोली में अनाज वसूलते हैं पुजारी और चाकर। यह कोई साधारण वसूली नहीं, बल्कि भगवान जगन्नाथ के आदेश पर होती है। ग्रामीण अपने हिस्से का अनाज लगान के रूप में मंदिर को अर्पित करते हैं। इसी अनाज से मंदिर का संचालन होता है और भगवान को भोग लगाया जाता है।
चौंकाने वाली बात ये है कि इस वसूले गए लगान का एक भाग रथ यात्रा से पहले सीधे पुरी के मंदिर भेजा जाता है। यही कारण है कि इस स्थान को ‘देवभोग’ नाम मिला — यानी भगवान का भोग।