चुनाव आयोग ने पूरी दुनिया में बढ़ाई भारतीय लोकतंत्र की गरिमा, कल रवाना होंगे मतदान दल.. पढ़े आगे की पूरी ख़बर
दुर्ग- समय के साथ भारत का लोकतंत्र पुष्ट होता गया है। चुनाव आयोग भी अपने मतदान अधिकारियों की सुविधाएं बढ़ाते गया है। भारत का चुनाव आयोग पारदर्शी, निष्पक्ष चुनाव कराकर भारतीय लोकतंत्र गरिमा पूरी दुनिया में बढ़ाई है।
1984 के आम चुनाव के समय मैं कक्षा छठवीं का विद्यार्थी था। राजीव गांधी उस चुनाव के नायक थे। उसी समय से मैने चुनाव को देखना आरंभ किया। दरअसल मेरे घर के जस्ट सामने हमारा प्राथमिक स्कूल था, वही मतदान केंद्र भी था। उस दिन मेरे पिता जी भी कही चुनाव कराने गए होते थे।
आजकल मतदान दल चुनाव के एक दिन पहले पहुंचते हैं, उस समय दो और तीन दिन पहले पहुंचना रहता था। उस समय मतदान केंद्र में बिजली, पानी नही होते थे। यहां तक खाना बनाने के लिए रसोइया भी नही होते थे। चुनाव कराने आए अधिकारी दल कुछ ईंटो को जोड़कर चूल्हा बनाते थे। उनके बर्तन , अनाज व सब्जी की व्यवस्था कैसे होती थी, वह पता नही।
पर आज मतदान दलों के लिए चुनाव आयोग के पास ठोस व्यवस्था है। गर्मी के प्रकोप को देखते हुए चुनावी दल के लिये कूलर, बिस्तर, भोजन, बिजली, वाशरूम आदि की व्यवस्था आयोग शिद्दत से कराता है। बुथवार बजट भेजा गया है। शहरी इलाकों के बहुत से मतदान केंद्रों में सिर्फ महिलाओ का मतदान दल बनाया गया है।
इसके पहले मैं बचपने के जिस आठवें संसदीय चुनाव का जिक्र कर रहा था, वह सन 84 की बात है। उस समय मतदान अधिकारी के रूप में किसी महिला का ड्यूटी लगे, ऐसा सोचना भी कठिन था।
मगर आज 40 साल बाद देश में अठारहवीं लोकसभा चुनाव में महिलाएं अपने दम पर शहरी क्षेत्रों में पूरा मतदान करवा रही है। दुर्ग जिले की कलेक्टर एवम जिले की मुख्य निर्वाचन अधिकारी ऋचा प्रकाश चौधरी स्वयं महिला है। जबकि प्रदेश में चुनाव कराने का जिम्मा रीना बाबा साहेब कंगाले के हाथो में है ।
आज चुनावो में मतदान अधिकारियों की सुविधा सुरक्षा का पूरा प्रबंध किया जाता है। अभी दुर्ग कलेक्टर ने मतदान केंद्र बनने वाले स्कूलों के सभी संस्था प्रमुखों को कूलर खरीद लेने के निर्देश दिए हैं। बस्तर के कई इलाके में मतदान दलों को हेलीकॉप्टर से भी भेजा जाता है तो कई मतदान केंद्रों तक पैदल भी पहुंचना पड़ता था।
आपको जानना चाहिए,
पहला आम चुनाव 1952 को हुआ था उस समय देश में 47 % वोट हुआ था।
अभी 18 वीं लोकसभा के लिए दो चरणों में190 सीटो पर चुनाव हो चुका है। देश भर का औसत मतदान प्रतिशत 70 के
आसपास है। आज भी बहुत सारे लोग वोट नही डालते।
पिछले लोकसभा 2019 के चुनाव में 71.27% मतदान हुआ था।
दुर्ग लोकसभा सीट पर 67.07 फीसदी वोटिंग
हुई थी।
कल 6 मई को दुर्ग के मानस भवन, साइंस कॉलेज और पालीटेक्निक कॉलेज से मतदान सामग्री लेकर दल रवाना होंगे। 7 मई की रात शंकराचार्य कॉलेज में EVM जमा करेंगे। परिणाम जून के पहले हफ्ते में घोषित होगा।