
दुर्ग। छत्तीसगढ़ की धार्मिक नगरी जहां सभी पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, वहाँ 5 दिसम्बर को पूरे जिले के एक मात्र स्थान श्री सत्तीचौरा माँ दुर्गा मंदिर, गंजपारा दुर्ग में श्री भैरव अष्टमी के अवसर पर श्री काल भैरव जयंती बड़े धूमधाम से मनाई गई जिसमें विभिन्न धार्मिक आयोजन आयोजित किये गए।
श्री काल भैरव जयंती के अवसर पर माँ दुर्गा मंदिर, गंजपारा, दुर्ग में स्थापित मनोकामना सिद्ध श्री काल भैरव जी की मूर्ति का मंगलवार को प्रातः 10 बजे से महाअभिषेक किया गया अभिषेक में मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित सुनील पांडेय द्वारा दूध, दही, विभिन्न प्रकार की औषधियों एवं वस्तुओं से भैरव जी का अभिषेक कराया गया। अभिषेक के पश्चात पूजन एवं हवन कराया गया, पूजन अभिषेक के मुख्य जजमान पार्षद इंद्राणी कुलेश्वर साहू सपत्नी थे। हवन एवं पूजन कार्य मे प्रातः 11 बजे से ही धर्मप्रेमियों की भारी संख्या में उपस्थिति रही। पूजन पश्चात बाबा जी की आरती एवं प्रसाद वितरण किया गया।
हवन पूजन के पश्चात सँध्या 5 बजे से गौड़ ब्राम्हण समाज, दुर्ग की परशुराम रामायण मण्डली द्वारा श्री काल भैरव चालीसा का पाठ सुंदर एवं मधुर भजनों के साथ किया गया, जिसमें भारी संख्या में महिलाएं उपस्थित थी।
कार्यक्रम में श्री काल भैरव जी की महिमा का वर्णन करते हुए मंदिर के पुजारी सुनील पांडेय ने बताया कि काल भैरव जयंती से आने वाले 41 दिन तक काल भैरव चालीसा का पाठ करने एवं पूजन करने से विशेष फल की प्राप्ति एवं सभी मनोकामना पूर्ण होती है।
सुनील पांडेय ने बताया कि कार्तिक माह की कालाष्टमी का विशेष फलदायी होती है। कार्तिक कृष्ण पक्ष के आठवें दिन कालाष्टमी होती है जिसे काल भैरव जयंती भी कहते हैं। काल भैरव का स्वरूप विकराल एवं क्रोधी है। काल भैरव के एक हाथ में छड़ी होती हैं और उनका वाहन काला कुत्ता होता है इसलिए भैरव रूप में काले कुत्ते को भोजन करवाने का भी विशेष महत्व बताया जाता है।
श्री काल भैरव जयंती के अवसर पर माँ दुर्गा मंदिर में विशेष साज-सज्जा की गई थी एवं आकर्षित फूलों से श्री काल भैरव मंदिर को सजाया गया था।
दुर्ग जिले में एक मात्र स्थान में श्री काल भैरव जयंती के आयोजन होने से सुबह 9 बजे से लेकर देर रात्रि तक गंजपारा दुर्ग में हजरों भक्तों ने श्री काल भैरव जयंती के इस आयोजन का लाभ लिया, आरती एवं अभिषेक में शामिल होकर प्रसादी लिए।
आयोजन में अशोक राठी, योगेन्द्र शर्मा बंटी, सुरेश गुप्ता, राहुल शर्मा, राजेश शर्मा, मनोज शर्मा, डब्बू चन्द्रवँशी, प्रकाश टावरी, अर्जित शुक्ला, गोपाल शर्मा, शिशु शुक्ला, अशोक गुप्ता, राकेश चक्रधारी, रिषी गुप्ता, मोहित पुरोहित, मनीष सेन, सोनल सेन, आशीष मेश्राम, प्रकाश कश्यप, रवि राजपूत,
महिलाओं में सरिता शर्मा, चंचल शर्मा, चंदा शर्मा, सुमन शर्मा, लक्ष्मी यादव, ममता, राधा, कुलेश्वरी, एवं हजारों धर्मप्रेमी उपस्थित थे।