
रायपुर। साजा ब्लाक के बिरनपुर गांव में हिंसा के बाद दो समुदायों में तनाव को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा पर तीखा प्रहार किया है। सीएम बघेल ने कहा, भाजपा का इन मामलों में स्टैंड अलग-अलग है। जशपुर के लिए इन्होंने जांच कमेटी गठित की, लेकिन बिरनपुर गांव के लिए जांच कमेटी गठित नहीं की। बिरनपुर में भाजपा ने आग में पेट्रोल डालने का काम किया है।
सीएम बघेल ने कहा, भाजपा की मंशा शांति बनाने की नहीं, अपना उल्लू सीधा करने की थी, हमारी सरकार ने पीड़ित परिवार को सुरक्षा दी है। छत्तीसगढ़ में कानून का राज है। कानून से बड़ा कोई नहीं है। जिसके खिलाफ भी सबूत मिलेंगे, कार्रवाई होगी। सीएम ने कहा, जैसे जैसे चुनाव आएगा, भाजपा ऐसे और हथकंडे अपनाएगी। भाजपा की सोच समाज में विद्वेष फैलाकर सत्ता हासिल करना है।
इधर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सांसद अरुण साव ने कहा कि बिरनपुर हिंसा में जान गंवाने वाले युवक भुनेश्वर साहू की मृत्यु के चार दिन बाद सरकार ने 10 लाख रुपये की सहायता और परिवार के एक सदस्य को नौकरी का एलान किया है। यह राजनीतिक एलान छत्तीसगढ़ की भावना का अपमान है। जिहादी उन्माद के बचाव में कांग्रेस सरकार ने एक हिंदू युवा की जान की कीमत 10 लाख रुपये तय की है।
समाज ने की थी एक करोड़ की मांग
समाज ने एक करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की थी। भूपेश बघेल सरकार ने हिंदू समाज सहित पूरे छत्तीसगढ़िया समाज के जख्मों पर नमक छिड़का है। भूपेश बघेल ने गांधी परिवार की चाटुकारिता के लिए उत्तरप्रदेश में 50-50 लाख रुपये बांटे और छत्तीसगढ़ महतारी के बेटे के लिए पूरे प्रदेश के दबाव के बाद भी मात्र 10 लाख रुपये की घोषणा की। इससे ज्यादा रकम तो प्रियंका गांधी की गाड़ी से रौंदने के लिए गुलाब के फूल बिछाए गए थे।