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सीएम बघेल द्वारा पड़ोसी निगमो के प्रत्येक वार्डो के विकास के लिए 50- 50 लाख व दुर्ग के वार्डो के लिए फूटी कौड़ी नहीं, पूर्व सभापति ने कहा विधायक महापौर की नाकामी का नतीजा…

 

 

 

 

दुर्ग – प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा भेंट मुलाकात के दौरान दुर्ग में शहर के किसी भी वार्डो के विकास के लिए एक फूटी कौड़ी नहीं दिया जबकि भिलाई व वैशाली नगर विधानसभा के प्रत्येक वार्ड में विकास कार्य के लिए 50 50 लाख की स्वीकृति की गई है इस मुद्दे को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने दुर्ग विधायक अरुण वोरा व शहरी सरकार के महापौर धीरज बाकलीवाल पर हमला बोला है निगम के पूर्व सभापति व भाजपा प्रवक्ता दिनेश देवांगन ने इसे शहर की जनता के लिए बड़ा दुर्भाग्यजनक बताते हुए कहा है कि एक तरफ दुर्ग शहर के प्रत्येक वार्ड विकास के लिए तरस रहा है और विपक्ष ही नही सत्तारूढ़ कांग्रेसी परिषद के पार्षद भी वार्डो में निर्माण कार्य नहीं होने से परेशान है तो दूसरी तरफ दुर्ग भेंट मुलाकात में दुर्ग में झुनझुना देकर दूसरे दिन भिलाई पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा विकसित क्षेत्र के रूप में पहचाने जाने वाले भिलाई वैशाली नगर क्षेत्र के वार्डों के लिए 50 50 लाख की राशि की घोषणा करना इस बात को दर्शाता है कि किस प्रकार मुख्यमंत्री दुर्ग को अलग आंख से देखता है किंतु उससे ज्यादा निंदाजनक यह है कि दुर्ग के प्रत्येक विकास में अपना योगदान की बात कहकर पत्थर लगाने वाले नारियल तोड़ने वाले विधायक अरुण वोरा मंच पर बैठे होने के बावजूद दुर्ग शहर के वार्डो की विकास के लिए फूटी कौड़ी तक नहीं दिला पाए और विधायक वोरा के साथ महापौर धीरज बाकलीवाल भी केवल मंच की शोभा बढ़ाते नजर आए।

 

इस संबंध में निगम के पूर्व सभापति बीजेपी प्रवक्ता दिनेश देवांगन ने जारी बयान में कहा कि प्रदेश में जब से कांग्रेस की सरकार बनी है तब से लगातार शहर से लेकर गांव तक विकास कार्य ठप्प पड़ गए है मुख्यमंत्री भूपेश बघेल किस प्रकार से विकास में भेदभाव करते हैं इसका ताजा उदाहरण दुर्ग में भी देखने को मिलता है पिछले चार वर्षों में अब तक दुर्ग शहर में विकास के लिए फूटी कौड़ी नहीं दे पाए और आज जितने भी विकास कार्य चल रहे हैं वे सभी पूर्व के भाजपा शासनकाल की स्वीकृत परियोजना है जिसमे सभी 60 वार्डों के विकास के लिए तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा 40करोड़ की राशि वर्ष 2017-18में मंजूरी दी गई थी जो पूर्व के श्रीमती चंद्रिका चंद्राकर की तत्कालीन परिषद में कार्य प्रारंभ हुए थे जिनमे से अधिकांश वार्डो में अमृतमिशन के तहत पाईप लाईन बिछाने सड़को की खुदाई को ध्यान में रखते हुए अधिकांश कार्यों का टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर पाईप लाईन बिछाने व नल कनेक्शन लगाने तक रोके गए थे किंतु दिसंबर 2018में प्रदेश में भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार की शपथ लेने के एक माह बाद जनवरी 2019में सरकार ने एक आदेश के साथ एक झटके में शहर के अप्रारंभ कार्यों की सूची मांगकर निगम क्षेत्र के सभी वार्डो में होने वाले कुल 28करोड़ से अधिक की राशि निरस्त कर वापस ले ली जिसके बाद से निगम में भी कांग्रेस परिषद काबिज होने के बावजूद अब तक 4सालों में 28करोड़ की भी राशि वापस नहीं मिल पाया है जिसका नतीजा है की वार्डो में विकास पिछड़ गए है और भाजपा के विपक्षी पार्षद तो दूर सत्तारूढ़ कांग्रेसी पार्षदों के यहां भी विकास ठप्प पड़े है यह सब विधायक वोरा व महापौर धीरज बाकलीवाल की ही नाकामी का नतीजा है उसके बड़बोलेपन व झूठे श्रेय के चलते उन्ही के सीएम बघेल द्वारा दुर्ग की जनता को उपेक्षित किया जाता है इन सब का जनता समय आने पर हिसाब लेंगी।

Navin Dilliwar

Editor, thesamachaar.in

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