वैज्ञानिकों का दावा: इंटरनेट स्पीड के साथ मस्तिष्क की कोशिकाओं पर भी असर डालेगी 6G सर्विस……
दुनिया के कई देशों में 6G तकनीक (6G Technology) का इंतजार है। इस पर चीनी वैज्ञानिकों ने रिसर्च करने के बाद कहा है कि यह मस्तिष्क कोशिकाओं को प्रभावित करती है। इसे लेकर यह भी कहा जा रहा है कि रेडियो तरंगों का टेराहर्ट्ज़ बैंड किसी भी स्मार्टफोन की बैंडविड्थ को 1 टेराबाइट (TB) प्रति सेकंड बढ़ाने में सक्षम है।
6G सर्विस का मस्तिष्क कोशिकाओं पर असर
मस्तिष्क पर इसका असर पड़ सकता है। एक प्रयोगशाला में चूहों की कोशिकाओं (cells) के विकिरण के संपर्क में आने पर उसके न्यूरॉन्स में लगभग 150 प्रतिशत की वृद्धि पाई गई है। ऐसा देख कर शोधकर्ताओं भ्रम में पड़ गए। जिसके बाद निष्कर्ष निकाला गया यह मस्तिष्क कोशिकाओं (Brain Cells) को प्रभावित करती है। इस शोध के मुताबिक, 6G तकनीक से मस्तिष्क की कोशिकाओं की गति में तीव्र वृद्धि होती है। हालांकि, वैज्ञानिक मस्तिष्क रोगों के इलाज के लिए उपचार विकसित करने के लिए अभी इस विषय और अध्ययन करेंगे।
6G नेटवर्क से जुड़ी खास बातें-
-5G से 6G नेटवर्क 15 गुना तेज होगा।
– जापान में 6G नेटवर्क के 2030 तक लॉन्च होने की उम्मीद जताई जा रही है।
– 6G नेटवर्क में आप 6 जीबी की किसी मूवी को 1000 मेगावाट प्रति सेकंड की रफ्तार से सिर्फ 51 सेकेंड में डाउनलोड हो सकेंगे।
– 5G से 50 गुना तेज इंटरनेट मिलेगा।
वैज्ञानिक ली शियाओली (li xiaoli) ने पीयर-रिव्यू जर्नल एक्टा फिजिका सिनिका में प्रकाशित एक पेपर में लिखा, “टेराहर्ट्ज विकिरण प्रोटोकॉल की सुरक्षा एक शीर्ष चिंता का विषय है। वहीं, इस रिसर्च को बीजिंग नॉर्मल यूनिवर्सिटी (Beijing Normal University) में स्टेट की लेबोरेटरी ऑफ कॉग्निटिव न्यूरोसाइंस एंड लर्निंग ने भी समर्थन दिया है। इसके साथ ही इसे और भी बेहतर तरीके से समझने के लिए इसे जारी रखने का निर्णय लिया है।