भूपेश सरकार की तर्ज पर महापौर धीरज ने पेश किया भरोसे का बजट, कर्मचारियों के साथ पार्षदों और पत्रकारों के लिए खोला पिटारा, जानिए बजट की पूरी जानकारी।
-महापौर धीरज बाकलीवाल गोबर से बना ब्रीफकेस लेकर पहुंचे सदन
-महापौर धीरज बाकलीवाल ने पेश किया दुर्ग निगम का बजट, महापौर बोले जनकल्याणकारी बजट से जनता की पूरी होगी उम्मीद पूरी
– जनप्रतिनिधयों,पत्रकार बंधुओं एवं निगम कर्मचारीयो के लिए स्वास्थ्य लाभ हेतु दुर्ग शहर के 10 हॉस्पिटल, नर्सिंग होम में 50% तक छूट के साथ चिकित्सा सुविधा उपलब्ध
– दाह संस्कार में कमजोर परिवारों एवं सभी वर्ग के लोगो के लिए दाह संस्कार में मुक्त में कंडा और लकड़ी उपलब्ध कराने का संकल्प लिया
दुर्ग – दुर्ग नगर निगम का आगामी वित्तीय वर्ष का बजट सर्वसहमति से पास हो गया। महापौर धीरज बाकलीवाल ने प्रदेश के भूपेश सरकार के नक्शे कदम पर चलते हुए भरोसे का बजट पास किया। जिसमें राज्य सरकार की तर्ज पर ही अधिकारियों, कर्मचारियों, पार्षदों के साथ पत्रकारों के लिए भी कई घोषणाएं की गई है। बैठक में पक्ष-विपक्ष के कई विषयों पर तकरार के बीच महापौर द्वारा प्रस्तुत 384 करोड़ के बजट को सुझावों के आधार पर संशोधन की शर्त पर स्वीकार कर लिया गया।लेकिन शेष एजेंडों पर फैसला नहीं हो सका।
महापौर धीरज बाकलीवाल ने मंगलवार को अपने कार्यकाल का चौथा बजट पेश किया। बजट से पहले उन्होंने प्रदेश की कांग्रेस सरकार की उपलब्धियां गिनाई और उन्हीं की तर्ज पर आम लोगों को लाभ पहुंचाने के मकसद से कार्य करने का संकल्प दोहराया। महापौर ने अपने बजट भाषण में प्रदेश सरकार की योजनाओं के तहत नगर निगम क्षेत्र में कराए गए कार्यों का विस्तृत ब्यौरा भी रखा। महापौर के करीब 40 मिनट के बजट भाषण के बाद नेता प्रतिपक्ष अजय वर्मा, निर्दलीय शिवेंद्र परिहार, मदन जैन, नरेंद्र बंजारे, ओमप्रकाश सेन, श्रद्दा सोनी, नीता जैन, प्रकाश जोशी, पूर्व सभापति राजकुमार नारायणी, मीना सिंह, अरूण सिंह सहित अन्य पार्षदों ने अपना पक्ष रखा और कई प्रावधानों पर आपत्ति दर्ज कराते हुए सुझाव रखे। शाम पौने छह बजे बजट पर चर्चा पूर्ण होने के बाद बजट सर्वसहमति से पारित कर लिया गया।
0 आय – 384 करोड़ 39 लाख 70 हजार अनुदान व विभिन्न स्रोतों से
0 निगम के पास – 81 करोड़ 55 लाख 73 हजार रुपए प्रारंभिक शेष
0 कुल आय – 465 करोड़ 95 लाख 43 हजार रुपए
0 व्यय – 384 कोड़ 26 लाख 35 हजार रुपए
0 बचेगा – 81 करोड़ 69 लाख 8 हजार बचेंगे व्यय के बाद
0 आय – 13 लाख 35 हजार लाख रुपए
बजट से पहले प्रश्नकाल किया गया। इसके लिए 31 पार्षदों ने 58 सवाल लगा रखे थे, लेकिन केवल 7 सदस्यों को ही सदन में सवाल करने का मौका मिला। दरअसल सवाल के साथ जवाब को लेकर सदस्य लगातार शहर सरकार के मंत्रियों से उलझते रहे। इसके चलते सकारात्मक जवाब कम और वाद विवाद की स्थिति ज्यादा बनती रही।
सामान्य सभा की बैठक में कांग्रेस के सीनियर पार्षद मदन जैन अपनी ही सरकार के खिलाफ ज्यादा मुखर दिखे। हालात यह रहा कि विपक्षी भी इस मामले में उनके पीछे नजर आए। मदन जैन ने कई मामलों में महापौर और शहर सरकार को जमकर लताड़ा। उन्होंने यहां तक कह दिया कि शहर सरकार और उनके मंत्री आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं।
बैठक में बजट से पहले मोती कॉम्पलेक्स की दुकानों के आवंटन का मामला आया। इसमें सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जमकर बवाल मचा। इस ुमुद्दे पर आसंदी के सामने शोर-शराबा और प्रदर्शन तक की स्थिति बनी। अंतत: वाद-विवाद और आरोप प्रत्यारोप को देखते हुए आसंदी ने बिना चर्चा ही इस प्रस्ताव को बहुमत से पारित घोषित कर दिया।
बजट पुस्तिका में त्रुटियों को लेकर बैठक में निगम प्रशासन को जमकर किरकिरी झेलनी पड़ी। पहले विपक्षी पार्षदों ने बजट से पुराने एजेंडों हटाए जाने और इसे लेकर कमिश्नर द्वारा आदेश जारी करने पर आपत्ति दर्ज कराते हुए जमकर भड़ास निकाली। इसके बाद आय व व्यय मदों में प्रावधानों में अंतर, पृष्ठों में वर्ष की गलत जानकारी पर भी सदस्यों की नाराजगी फूटी। इस मामले में वित्त प्रभारी दीपक साहू को आगे आकर स्पष्टीकरण देना पड़ा।