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भानुप्रतापपुर उपचुनाव ब्रेकिंग। भानुप्रतापपुर उपचुनाव से पहले बीजेपी को लगा बड़ा झटका, प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम को गिरफ्तार करने आई झारखंड पुलिस ।

कांकेर । भानुप्रतापपुर उपचुनाव के बीच सोमवार को अंतागढ़ उपचुनाव की याद फिर ताजी हो गई है। दरअसल, झारखंड पुलिस बीजेपी प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम को गिरफ्तार करने कांकेर पहुंच गई है। इस तरह मतदान से पहले बीजेपी को बड़ा झटका लगा है, ठीक वैसे ही जैसे मंतूराम पवार प्रकरण में कांग्रेस को लगा था। इधर, झारखंड पुलिस ने आते ही कांकेर पुलिस से संपर्क किया है। आपको बता दें कि ब्रह्मानंद के खिलाफ जमशेदपुर के टेल्को थाने में दुष्कर्म, देह व्यापार और पाक्सो एक्ट के तहत अपराध दर्ज है। इसी के तहत ये कार्रवाई की जा रही है ।

भानुप्रतापपुर से विधायक रहे विधानसभा उपाध्यक्ष स्व. मनोज मंडावी के निधन के बाद यहां उपचुनाव कराया जा रहा है। वर्तमान में 14 नाम वापसी के बाद अब यहां कुल सात प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। इसमें कांग्रेस से सावित्री मंडावी व बीजेपी से ब्रह्मानंद नेताम समेत अन्य दलों के प्रत्याशी हैं। खास ये कि बीजेपी प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम के खिलाफ 15 वर्षीय नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में झारखंड के जमशेदपुर जिले के टेल्को थाने में 15 जून 2019 को अपराध दर्ज किया गया था। इसमें उसके खिलाफ धारा 366 ए, 376, 376(3), 376 डी बी 120 बी भादवि 4.6 पॉक्सो एक्ट व 4,5,6,7,9 अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है।

पिछले दिनों कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष मोहन मरकाम मीडिया को इस मामले की जानकारी देकर सनसनी फैला दी थी। बाद में कांग्रेसियों ने बीजेपी प्रत्याशी ब्रह्मानंद के खिलाफ राज्य निर्वाचन आयोग में शिकायत कर दी थी कि नेताम ने नामांकन के दौरान दिए शपथ—पत्र में अपने खिलाफ इस एफआईआर की जानकारी छिपाई थी। लिहाजा क्यों न उनका नामांकन निरस्त किया जाए। अब आयोग कुछ भी कदम उठाता उससे पहले ही झारखंड पुलिस की एंट्री से बीजेपी को बड़ा झटका लगना स्वाभाविक है। सभी ​की निगाह पुलिस के अगले कदम की है ।

बीजेपी प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम के खिलाफ जिस तरह शिकंजा कसता दिख रहा है, बीजेपी के पास बड़ा सियासी सवाल पैदा हो गया है। ये कार्रवाई ठीक उस समय हो रही है जब उपचुनाव में नामांकन और नाम वापसी जैसी सारी प्रक्रियाएं हो चुकी हैं। ऐसे में बीजेपी चाहकर भी कोई कदम नहीं उठा सकती सिवाय किसी अन्य दल के प्रत्याशी को समर्थन देने के। इससे भी उसका कोई फायदा होता नहीं दिख रहा है। साफ है कि इसका लाभ सीधे तौर पर कांग्रेस प्रत्याशी सावित्री मंडावी को मिलने जा रहा है।

 

Navin Dilliwar

Editor, thesamachaar.in

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