प्रदेश में बेमौसम बारिश ने किसानों के किए किराए पर पानी फेर दिया है, साथ ही चिंता भी बढ़ा दी है, दरअसल धान की कटाई अभी बचा हुआ है खेतों में खड़ी फसल तो पूरी तरह चौपट हो रहे है। साथ ही किसानों के द्वारा खलिहान में रखे धान की समय पर मिजाई नहीं होने से तिरपाल या झिल्ली में ढक के रखे हुए हैं तो वही कुछ खलिहान में धान के बाली लगे गट्ठे (बीड़ा) ऐसे ही पड़ा हुआ है। अचानक हुए बेमौसम बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। जो किसी आफत से कम नही, तो वही कड़ाके की ठंड से सर्द हवाएं चल रही है।
बता दें सोमवार रात से चालू हुई हल्की बारिश बुधवार को दिनभर झड़ी के रूप लेकर रुक-रुक कर बारिश होती रही। लोग अलाव जलाकर दुबके रहे तो वही जरूरी काम के लिए आवाजाहि करने वाले लोग रेनकोट के सहारे व छत्ता के सहारे आना जाना जारी रखे हुए थे, तो दूसरी तरफ सरकारी स्कूल और प्राइवेट स्कूलों में मौसम को देखते हुए बच्चो की जल्दी छुट्टी कर दिया गया। अचानक का इस चक्रवात तूफान आने से बीते 3 दिसंबर से कुछ जायदा असर देखने को मिला और अभी मौसम साफ होने की संभावना भी नहीं दिख रहा है।