देश का पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर इन दिनों हिंसा की आग से झुलस रहा है. सेना, असम राइफल और राज्य रक्षा इकाइयों की तमाम कोशिशों के बावजूद राज्य में हिंसा नहीं थम रही है. हाल ही में अज्ञात लोगों की एक भीड़ ने मंत्री के घर पर हमला बोल दिया और वहां पर तोड़ फोड़ की. वहीं ऐसे ही एक दूसरे मामले में भीड़ की सुरक्षाबलों से झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई.
मीडिया से मिली जानकारी के मुताबिक, बुधवार (24 मई) की शाम को भीड़ ने बिष्णुपुर जिले के निंगथौखोंग शहर में राज्य के मंत्री गोविंददास कोन्थौजम के आवास पर हमला कर दिया और उनके घर में रखे फर्नीचर के साथ बाकी प्रापर्टी के साथ तोड़फोड़ की. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बिष्णुपुर और इंफाल पश्चिम जिलों में बुधवार को दो अलग-अलग घटनाओं में हिंसा हुई.
भीड़ ने क्यों किया मंत्री के घर पर हमला?
भीड़ ने मंत्री के घर पर इसलिए हमला किया, क्योंकि उनका कहना था कि हिंसाग्रस्त राज्य में सरकार स्थानीय लोगों को दूसरे समुदाय के उग्रवादियों से बचाने के लिए पर्याप्त उपाय नहीं कर रही है. अधिकारियों के मुताबिक, भीड़ ने जब निंगथोखोंग क्षेत्र स्थित घर पर हमला किया तो मंत्री और उनके परिवार के सदस्य वहां मौजूद नहीं थे. हमलावर भीड़ में ज्यादातर महिलाएं थीं. उन्होंने कहा कि इस हमले में मकान का एक गेट, खिड़कियां, कुछ फर्नीचर और कुछ इलेक्ट्रॉनिक सामान क्षतिग्रस्त कर दिए गए. यह पहली बार है जब राज्य में मैती और कुकी समुदाय के लोगों के बीच जारी जातीय हिंसा के दौरान किसी मंत्री के घर पर हमला किया गया है.
राज्य में तीन हफ्ते पहले शुरू हुई हिंसा में 70 से अधिक लोगों की मौत हुई है और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है. इस बीच, पूर्वी सैन्य कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आर पी कालिता ने राज्य में सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए मणिपुर का दौरा किया. कालिता ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ मौजूदा स्थिति और जल्द से जल्द सामान्य स्थिति स्थापित करने के लिए सभी एजेंसियों के बीच एकजुटता बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की.