ड्राइवरों की हड़ताल: खरीदी केंद्रों में धान जाम,प्रशासन ने उठाव जारी रखने का दावा किया,केंद्रों में आवक जारी पर उटाओ प्रभावित।
राजनांदगांव – वेतन बढ़ाने सहित अन्य मांगों को लेकर ड्राइवर संघ की हड़ताल जारी है। इसका असर अब धान परिवहन पर भी पड़ने लगा है। ड्राइवरों की हड़ताल से धान का परिवहन धीमा हो गया है। इससे खरीदी केंद्रों में एक बार फिर जाम की स्थिति बनने लगी है।
इधर खरीदी केंद्रों में धान की बंपर आवक जारी है। अब तक तीनों जिले में 37 लाख क्विंटल से अधिक धान की खरीदी की जा चुकी है। इसकी तुलना में उठाव 15 लाख क्विंटल के करीब ही हो सका है। ड्राइवरों की हड़ताल की वजह से उठाव की गति और कमजोर गई है। हालांकि प्रशासन ने दावा किया है कि ड्राइवरों की हड़ताल से परिवहन धीमा नहीं होने दिया जाएगा। इसके लिए अन्य वैकल्पिक व्यवस्था भी जा चुकी है।
इधर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल में जमे ड्राइवरों की संख्या बढ़कर 400 हो गई है। राजनांदगांव के अलावा मानपुर मोहला और खैरागढ़ क्षेत्र के ड्राइवर भी हड़ताल में शामिल होने लगे हैं। आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ सकती है। ड्राइवर एकता संगठन के हेमनाथ देवांगन ने बताया कि अब दूसरे जिले का भी समर्थन मिलने लगा है। पूर्व में हुई बैठक में बात नहीं बनी है।
लाइन में चलने वाले ट्रकों के पहिए भी थम गए
लंबी दूरी के लिए चलने वाली ट्रकों पर हड़ताल का सबसे अधिक असर पड़ रहा है। लाइन की ट्रकों के पहिए लगातार थमते जा रहे हैं। जिला परिवहन संघ ने वाहन संचालन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था का भी प्रयास किया है। लेकिन हड़ताल में शामिल होने वाले ड्राइवरों की बढ़ती संख्या ने परेशानी और बढ़ा दी है। वहीं राजनांदगांव में हड़ताल की जानकारी मिलते ही दूसरे जिले के ड्राइवर भी वाहन लेकर शहर पहुंचने से बच रहे हैं। दूसरे व्यापारिक क्षेत्र में भी ड्राइवरों की हड़ताल का असर पड़ने लगा है।
बॉर्डर पर निगरानी और बढ़ी, सख्ती से गड़बड़ी पर रोक
धान खरीदी की रफ्तार बढ़ते ही बॉर्डर पर भी निगरानी बढ़ा दी गई है। दूसरे राज्य से धान की खेप न पहुंचे, इसके लिए अफसरों की ड्यूटी लगाई गई है। जो सतत मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इसके अलावा बॉर्डर से लगे खरीदी केंद्रों में भी विशेष निगरानी की जा रही है। प्रशासनिक सख्ती की ही वजह से अब तक किसी केंद्रों में अवैध रुप से धान खपाने का मामला सामने नहीं आया है। वहीं लगातार हो रही जांच से दूसरे राज्यों से भी धान नहीं पहुंच रहा है। बीते सालों तक ऐसी शिकायतें आम रहती थी। लेकिन प्रशासनिक कसावट से ऐसी हरकतों पर विराम लग रहा है।
अब तक 95 हजार किसान बेच चुके अपनी उपज
जिले में धान की कटाई अंतिम चरण में पहुंच गई है। इसमें किसानों को मौसम का भी बराबर साथ मिल रहा है। यही वजह है कि खरीदी केंद्रों में धान की आवक भी बंपर बनी हुई है। तीनों जिलों को मिलाकर अब तक 95 हजार से अधिक किसान अपनी उपज खरीदी केंद्रों में बेच चुके हैं। धान बेचने के लिए इस बार 2 लाख 15 हजार किसानों का पंजीयन हुआ है। इस लिहाज से दिसंबर के दूसरे सप्ताह में ही 50 फीसदी से अधिक किसान धान बेच लेंगे। बढ़ती रफ्तार को देखते हुए प्रशासन ने समितियों में भी व्यवस्था बेहतर कर दी है। ताकि किसानों को कोई समस्या न हो।