छतीसगढ़ में हो रहे धर्मंतरण ग़लत है इसे जल्द से जल्द रोकना चाहिए – देवी चित्रलेखा

दुर्ग – दुर्ग के पुरानी गंज मंडी प्रांगण में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन 2 से 8 फरवरी तक चल रहा है, जिसमें प्रसिद्ध कथावाचक चित्रलेखा के द्वारा कथा वाचन किया जा रहा है. इसी संबंध में उन्होंने आज दुर्ग सती चौरा मंदिर प्रांगण में प्रेस वार्ता की, जिसमें उन्होंने बताया कि युवा वर्ग अपने लक्ष्य से भटक गए हैं, मानसिक परेशानी के चलते आत्महत्या जैसे कदम उठा रहे हैं,इसलिए उन्हें अपने जीवन में अध्यात्म को शामिल करना चाहिए . इसके साथ ही राज्य में हो रहे धर्मांतरण के संबंध में उन्होंने कहा कि यह गलत है, किसी को स्वार्थ वश धर्म परिवर्तन नहीं कराना चाहिए, आपको बताते चलें कथावाचक चित्रलेखा इससे पहले पिलाई में 2 दफे कथा के लिए आ चुकी है और दुर्ग में श्रीमद् भागवत कथा के लिए यह उनका प्रथम आगमन है.
पुरानी गंजमंडी प्रांगण में चल रही श्रीमद्भागवत कथा मे वृंदावन कथा वाचक देवी चित्रलेखा ने गौ माता की रक्षा का मूल मंत्र दिया। उन्होंने युवाओ को इसके लिए आगे आने कहा। इसके अलावा उन्होंने किसानों को भी खेती में विषैले उर्वरको की जगह गोबर से बने खाद का उपयोग करने कहा। गौ माता की दयनीय दशा की ओर ध्यान आकर्षित कराते हुए कहा कि गौ माता बचेगी तो देश बचेगा। उन्होंने कहा कि कथा इसलिए नहीं है कि जीवन परिवर्तित हो जाए। कथा सिर्फ प्रभु के आनंद को जीने के लिए है। इसलिए जब भी कथा में जाओ तो सब कुछ प्रभू पर छोड़ दो।
आपको बता दें दुर्ग में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन 2 से 8 फरवरी तक होना है, और कथा को सुनने के लिए हजारों की तादाद में लोगों की भीड़ उमड़ रही है.