छतीसगढ़ के डिप्टी सीएम ने दिया था वार्ता का ऑफर, मान गये नक्सली… अब क्या होगा आगे? पढ़ें ख़बर
छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा नक्सल समस्या से निपटने को लेकर नक्सलियों से बात करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि नक्सली वीडियो कॉल पर भी उनसे बात कर सकते हैं.
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने नक्सलियों को बातचीत का ऑफर दिया था, जिस पर नक्सलियों का भी जवाब आ गया है. नक्सली सरकार से बातचीत के लिए तैयार है, हालांकि उन्होंने कुछ शर्तें सरकार के सामने रखी हैं. नक्सलियों ने एक पत्र जारी किया है, जिसमें उन्होंने लिखा कि अब तक बातचीत के जितने भी दावे रहे हैं, वह सब धोखे वाले रहे हैं. लेकिन हम बातचीत के लिए तैयार हैं पर बातचीत खुले में होगी.
रायपुर –छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सल समस्या का समाधान निकालने के लिए एक महीने पहले ही प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि वे नक्सलियों से वार्ता करने को तैयार हैं. गृहमंत्री ने साफ कहा कि यदि नक्सली वार्ता करने जंगलों से बाहर नहीं आ सकते तो वो वीडियो कॉल पर भी उनसे बात कर सकते हैं. गृहमंत्री का यह बयान 1 महीने पहले 16 जनवरी को आया था और अब वार्ता की इस पेशकश पर नक्सलियों का जवाब भी सामने आ गया है. माओवादी संगठन के प्रवक्ता विकल्प ने शुक्रवार (16 फरवरी) को एक प्रेस नोट जारी कर सरकार से वार्ता के लिए पहले कुछ बड़ी शर्तें रख दी है. प्रवक्ता विकल्प ने लिखा है कि अगर सरकार उनकी यह शर्तें मानने के लिए तैयार है तो वह वीडियो कॉल के जरिए या फोन के जरिए वार्ता के लिए तैयार हैं.
दरअसल नक्सलियों के दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प ने एक प्रेस नोट जारी किया है. इस प्रेस नोट में नक्सली प्रवक्ता ने लिखा है कि नक्सली सरकार से वार्ता को तैयार तो हैं लेकिन कुछ शर्तों के साथ प्रवक्ता विकल्प ने लिखा है कि नक्सल संगठन सरकार से सीधी या फिर मोबाइल के जरिए वार्ता को तैयार हैं, लेकिन उससे पहले सरकार को बस्तर में चल रहे अपने सभी पुलिस ऑपरेशन बंद करने होंगे. इतना ही नही नक्सली प्रवक्ता ने यह भी कहा है कि 6 महीनों के लिए सभी जवानों को कैंप और थाने में ही रखा जाए, यानि की कोई भी जवान जंगलों में सर्चिग ऑपरेशन पर 6 महीनों तक न निकले. साथ ही इस दौरान कोई नया पुलिस कैंप भी उनके इलाकों में स्थापित न किया जाए. नक्सलियों ने वार्ता से पहले अपने साथियों को रिहा करने की शर्त भी रखी है. प्रवक्ता ने साफ किया है कि यदि सरकार इन न्यूनतम शर्तों को मानती है तो नक्सल संगठन उनसे सीधी या मोबाइल के जरिए वार्ता को तैयार है.
वार्ता से पहले नक्सलियों ने रखी ये शर्त
इसके अलावा नक्सली प्रवक्ता विकल्प ने अपनी प्रेस नोट में यह भी लिखा है कि इससे पहले इस तरह की वार्ता की पेशकश बेमानी रही है. चाहे वह पहले के मुख्यमंत्री या केंद्रीय गृह मंत्री की तरफ स पेश की गई हो. नक्सली प्रवक्ता ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार एक और वार्ता का प्रस्ताव देती है और दूसरी ओर जंगलों में हमारे खिलाफ ऑपरेशन तेज हो रहे हैं. आदिवासियों को फोर्स की तरफ से प्रताड़ित करने का आरोप भी नक्सलियों की तरफ से लगाया गया है. हालांकि नक्सलियों के प्रेस नोट जारी करने के बाद अब तक सरकार की ओर से कोई भी बयान सामने नहीं आया है, खास बात यह है कि इससे पहले भी नक्सलियों से वार्ता के लिए इस तरह की बात सामने आई है, लेकिन अब तक एक बार भी इसके लिए प्रयास नहीं किए गए हैं.. हालांकि नक्सलियों के इन शर्तों पर अब तक सरकार ने कोई अमल नहीं किया है. फिलहाल नक्सलियों के इस प्रेस नोट पर प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा के बयान का इंतजार है.