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छतीसगढ़ के जिलो में सीमांकन, नामांतरण और डायवर्सन के डेढ़ लाख मामले लंबित, सीएम भूपेश की चेतावनी के बाद पड़ताल में राजस्व मामलों की पेंडेंसी आई सामने, जानिए पूरा मामला

छत्तीसगढ़ में जमीन और प्रॉपर्टी से जुड़े सीमांकन, नामांतरण, डायवर्सन, बंदोबस्त समेत राजस्व व्यवस्थापन के डेढ़ 1 लाख 45 हजार (करीब डेढ़ लाख) मामले लंबित हैं। सीएम भूपेश की चेतावनी के बाद राजस्व मामलों की यह पेंडेंसी सामने आई है। यह मामले सीधे लोगों से जुड़े हैं और पीड़ित राजस्व दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। राजस्व विभाग के चक्कर काट रहे हैं। हालात यह है कि प्रदेश के सभी जिलों में लगभग डेढ़ लाख से ज्यादा मामले पेंडिंग पड़े हैं  जिसके कारण लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है….

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लंबित मामलों को संज्ञान में लेते हुए विभागीय अफसरों के साथ जिले के कलेक्टरों को चेतावनी दी है कि फरवरी के दो सप्ताह के भीतर सभी पेंडिग मामले निपटा लिए जाएं। जिन जिलों की स्थिति खराब मिलेगी वहां के कलेक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। छत्तीसगढ़ में जमीन से जुड़े मामले को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही हैं…..

इसे देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लगभग दो माह पहले राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक लेकर पेंडिंग मामलों के निराकरण में तेजी लाने के निर्देश दिए थे। सीएम के निर्देश के बाद कुछ दिन हलचल तेज रही है लेकिन फिर से विभाग में सुस्ती आ गई। इसके कारण प्रदेश में लगभग एक लाख 40 हजार से ज्यादा प्रकरण लंबित हैं….

ज्यादातर लंबित मामले एक से पांच साल के बीच –

बताया गया है कि ज्यादातर लंबित प्रकरण एक से पांच साल के बीच के हैं। तो कई मामले पांच साल से ज्यादा पुराने भी हैं इनमें सीमांकन, नामांतरण, बंटाकन, व्यवस्थापन, डायवर्सन, फ्री होल्ड, भूमि आवंटन तथा जमीन विवाद से जुड़े मामले सबसे ज्यादा हैं काम में तेजी लाने के लिए एक ही जगह पर तीन साल से ज्यादा समय तक जमे पटवारी से लेकर तहसीलदारों के तबादले किए गए थे। बड़े पैमाने पर तबादले के बाद माना जा रहा था कि काम में तेजी आएगी लेकिन काम फिर पुराने ढर्रे पर ही चल रहा है

Navin Dilliwar

Editor, thesamachaar.in

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