यूपी में भ्रष्टाचार के खिलाफ आयकर विभाग ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई की. आयकर विभाग ने एक साथ 22 जगहों पर छापेमारी की. दिल्ली के अलावा लखनऊ और कानपुर में भी इनकम टैक्स की रेड चल रही है.
दरअसल कई भ्रष्ट ब्यूरोक्रेट और विभिन्न विभागों में काम करने वाले अफसर आयकर विभाग की रडार पर हैं. इनके साथ-साथ कई ठेकेदारों पर भी आयकर विभाग ने ताबड़तोड़ छापेमारी की है.
इनकम टैक्स विभाग के सूत्रों ने बताया कि एक दर्जन भ्रष्ट ब्यूरोक्रेट रडार पर हैं. इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाई के तहत उत्तरप्रदेश के कई विभागों में कार्यरत करीब डेढ़ दर्जन अधिकारी-कर्मचारी रडार पर आ गए हैं.
[ इन विभागों के अफसर रडार पर ]
उद्योग विभाग, उद्धमिता विकास संस्थान, उद्धमिता प्रशिक्षण संस्थान, यूपी इंडस्ट्रियल कंसल्टेंट लिमिटेड, प्राइवेट सेक्टर, अन्य.
[ कई राज्यों में भी आयकर विभाग कर चुका है छापेमारी ]
सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं आयकर विभाग ने अगस्त के महीने में कई राज्यों में ताबड़तोड़ छापेमारी की है. अगस्त की शुरुआत में आयकर विभाग को गुजरात के एक अहम कारोबारी समूह की तलाशी में 1,000 करोड़ रुपये से अधिक के बेहिसाब लेनदेन का पता चला था. खेड़ा, अहमदाबाद, मुंबई, हैदराबाद और कोलकाता में फैले 58 परिसरों में छापेमारी करीब चार से पांच दिनों तक चली थी.
जबकि महाराष्ट्र के जालना में एक व्यवसायी के परिसर पर छापेमारी में आयकर विभाग ने 390 करोड़ रुपये की नकदी और कीमती सामान जब्त किया था. 260 अधिकारियों की आयकर विभाग की पांच टीमों ने एक हफ्ते तक छापेमारी की. इस छापेमारी को अंजाम देने के लिए एजेंसी ने 120 वाहनों का इस्तेमाल किया. उन्होंने करीब 58 करोड़ रुपये नकद, 32 किलो सोना और कीमती स्टोन जब्त किए. कैश गिनने में 13 घंटे लग गए थे.
आयकर विभाग ने 3 अगस्त को जयपुर के एक समूह के परिसरों पर तलाशी अभियान चलाया था. जब्त सबूतों के विश्लेषण से पता चला था कि समूह ने आवासीय घरों और जमीन की बिक्री पर नकद स्वीकार करके बड़े पैमाने पर कर चोरी की, जो नियमित खाता-बही में दर्ज नहीं है. इसके अलावा तलाशी के दौरान रत्नों और आभूषणों की बिक्री से जुड़े सबूत भी मिले थे.