रायपुर – पीएससी-2021 की परीक्षा में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई का पत्र व्यवहार शुरू हो चुका है। सीबीआइ ने इस मामले में गृह विभाग से पत्राचार किया है, ताकि जांच आगे बढ़ा जा सके। सीबीआइ ने गृह विभाग के माध्यम से कई बिंदुओं पर संबंधित एजेंसियों से जानकारी मांगी है। इधर पीएससी घोटाले में सीबीआई जांच को लेकर भाजपा-कांग्रेस के बीच सियासत भी गर्म हो चुकी है। गृह विभाग में पदस्थ सूत्रों के मुताबिक एजेंसियों से जानकारी मंगाई गई है। इसके बाद मामला दर्ज किया जाएगा।
पीएससी-2021 घोटाले में तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी व सचिव जीवन किशोर ध्रुव समेत कई संदिग्धों के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने मामला दर्ज किया है। इस मामले में पूर्ववर्ती सरकार के कई राजनेताओं व आला अधिकारियों के नाम भी सामने आ रहे हैं। इधर, भाजपा ने मामले के संदिग्धों के विदेश भागने को आशंका को देखते हुए उनके पासपोर्ट रद करने की मांग की है। बता दें कि विधानसभा चुनाव में पीएससी भर्ती में हुई गड़बड़ियों को लेकर भाजपा ने चुनावी मुरा बनाया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे लेकर भूपेश बघेल पर हमला बोला था।
कांग्रेस को सवाल उठाने का अधिकार नहीं:– ओपी चौधरी
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस को सवाल उठाने का अधिकार नहीं है। कांग्रेस ने प्रदेश के गुदा भाई-बहनों के साथ लेखा किया है। भाजपा ने सरकार बनते ही सीबीआ जाय निर्णय लिया। जाय प्रक्रिया चल रही है। कई लोग घबराए है। कई लोगों के देश नेव भागने की भी खबरें भी आ रही है। काग्रेस में भगदड़ मची हुई है
सीजीपीएससी घोटाला भाजपा का प्रोपेगेंडा सुशील आनंद
सीजीपीएससी घोटाले को कांग्रेस ने भाजपा का प्रोपेगेंडा बताया है। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि यह सिर्फ राजनीतिक हथकडा था। सच तो यह है कि छतीसगढ़ लोक सेवा आयोग में कग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान कोई भ्रष्टाचार हुआ ही नहीं। भाजपा ने षडयंत्र पूर्वक पीएससी व सरकार की श्री को खराब करने की कोशिश की। सीबीआइ ने अभी तक मामला दर्ज नहीं किया है। भाजपा ने कहा था कि सीबीआई जांच करवाई जाएगी। किन-किन विषयों पर जांच कराई जा रही है। इन विषयों पर जानकारी सामने आनी चाहिए।