रस्तोगी कॉलेज में दूषित पानी पीने के कारण ही बच्चे फूड प्वाइजनिंग के शिकार हुए थे जिला प्रशासन की ओर से जांच पूरी हो चुकी है।कलेक्टर ने कहा कि इस मामले में रस्तोगी कॉलेज प्रबंधन पूरी तरह से दोषी है जिला प्रशासन की ओर से जांच रिपोर्ट राज्य शासन को प्रेषित कर कार्यवाही के लिए लिखा गया है।

रस्तोगी नर्सिंग कॉलेज रिपोर्ट पर बोले कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा. रस्तोगी कॉलेज में दूषित पानी पीने के कारण ही बच्चे फूड प्वाइजनिंग के शिकार हुए थे जिला प्रशासन की ओर से जांच पूरी हो चुकी है।कलेक्टर ने कहा कि इस मामले में रस्तोगी कॉलेज प्रबंधन पूरी तरह से दोषी है जिला प्रशासन की ओर से जांच रिपोर्ट राज्य शासन को प्रेषित कर कार्यवाही के लिए लिखा गया है।
कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा ने कहा है कि कल शाम को रस्तोगी कॉलेज में स्किल डेवलपमेंट कोर्स का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे स्टूडेंट के बीमार होने की सूचना हाइटेक हॉस्पिटल से प्राप्त हुई थी। सूचना मिलते ही प्रशासन के द्वारा तत्काल स्वास्थ्य विभाग से जिला मुख्य चिकित्साअधिकारी, सिविल सर्जन, मेडिसिन एक्सपोर्ट के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम एवं नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग जांच के लिए पहुंचे थे जांच के दौरान टीम को छात्र छात्राओं के द्वारा बताया कि जिस वाटर फिल्टर से पानी पीते हैं वह कई दिनों से खराब है और प्रबंधन के द्वारा सीधे नलकूप से पानी वाटर फिल्टर में सप्लाई किया जाता है और वही दूषित पानी का सेवन करते हैं।
जांच में पाया गया कि वाटर फिल्टर लंबे समय से खराब था और बोर से सप्लाई होने वाले पानी को फिल्टर नहीं कर पा रहा था। दूषित पानी पीने के कारण ही बच्चे बीमार हुए थे। इसके अलावा छात्र छात्राओं ने प्रबंधन के द्वारा दिए जा रहे खाने सहित अन्य सुविधाओं को लेकर भी शिकायतें की है। कलेक्टर ने बताया कि रस्तोगी कॉलेज हॉस्टल में हुए फूड प्वाइजनिंग मामले की जांच पूरी कर ली गई है। इस
आवासी हॉस्टल में रह रहे बच्चों को कॉलेज प्रबंधन प्रबंधन के द्वारा दूषित पानी की आपूर्ति की जा रही है। इसी दूषित पानी पीने के करने के कारण ही बच्चे फूड प्वाइजनिंग का शिकार हुए थे। इस मामले की जांच रिपोर्ट तैयार कर ली गई है जांच पूरी हो चुकी है जिला प्रशासन की ओर से पूरी रिपोर्ट राज्य शासन को भेज दी गई है।
कलेक्टर श्री मीणा ने कहा कि रस्तोगी कॉलेज प्रबंधन कि यह भी लापरवाही उजागर हुई है कि मामले को 4 दिन गुजर जाने के बाद भी जिला प्रशासन स्वास्थ्य विभाग एवं नगर निगम किसी को भी इसकी सूचना नहीं दी गई थी।
गौरतलब हो कि कल शाम को नेहरू नगर स्थित निजी अस्पताल की ओर से जिला प्रशासन को सूचना प्राप्त हुई थी कि रस्तोगी कॉलेज में स्किल डेवलपमेंट कोर्स की पढ़ाई कर रहे 39 बच्चे फूड प्वाइजनिंग का शिकार हुए हैं। यह सूचना मिलते ही जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग एवं नगर निगम प्रशासन हरकत में आया।
तत्काल अस्पताल एवं रस्तोगी हॉस्टल में स्वास्थ्य अमला ने पहुंचकर दबिश दी। स्टूडेंट एवं प्रारंभिक जांच में पाया गया कि वाटर फिल्टर लंबे समय से खराब था। इसकी जानकारी प्रबंधन को थी । वाटर फिल्टर को ठीक करने की बजाय कॉलेज प्रबंधन के द्वारा नलकूप के दूषित पानी को सीधा स्टूडेंट को पीने के लिए सप्लाई किया जा रहा था।इसी दूषित पानी के सेवन के कारण 39 बच्चे बीमार हुए एवं एक छात्रा की मौत भी हुई है।
[खाद्य सुरक्षा विभाग ने हॉस्टल से लिए खाद्य पदार्थों के 4 सैंपल]खाद्य सुरक्षा अधिकारी कंचन वर्मा ने बताया कि रस्तोगी हॉस्पिटल में बच्चों के बीमार होने की जानकारी मिलते ही विभाग की टीम के द्वारा छात्रावास पहुंचकर जांच प्रारंभ की गई एवं खाद्य पदार्थों के सैंपल भी लिए गए खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि टीम के द्वारा छात्रावास के किचन से 4 सैंपल एकत्रित किए गए हैं।
जिसमें कल शाम को पकाई गई दाल जिस आटे से रोटियां बनाई जा रही थी उस आटे का सैंपल, मसालों में धनिया पाउडर पास्ता का सैंपल लिया गया है चारों ही सैंपल को जांच के लिए प्रयोगशाला में भेज दिया गया है। जिसकी रिपोर्ट 15 दिन में प्राप्त होगी। कल जांच में पहुंची टीम में खाद्य सुरक्षा अधिकारी कंचन वर्मा नारद राम को श्रेय एवं क्षीरसागर पटेल शामिल थे।