कांग्रेस के नेता और प्रदेश सरकार में मंत्री कवासी लखमा और अजय चंद्राकर आमने सामने हैं। एक बयान में भाजपा के विधायक और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कवासी को आइटम गर्ल तक कह दिया। मंत्री को आइटम गर्ल कहा जाना अब कांग्रेसियों को रास नहीं आ रहा और दोनों दलों के नेताओं के बीच विवाद की लकीर खिंच चुकी है।
यह विवाद भाजपा के दो दिन पुराने आंदोलन से शुरू हुआ था। भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के नेतृत्व में उन्हीं के क्षेत्र धमतरी में एक बड़ा प्रदर्शन किया था। यह प्रदर्शन खाद-बीज की कमी और किसानों को जबरदस्ती गोबर खाद देने के विरोध में था। इस प्रदर्शन के बाद प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने अपने बयान में अजय चंद्राकर को खाद-बीज के लिए दिल्ली में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने की सलाह दी थी। इसी सलाह के जवाब में चंद्राकर ये बयान आया है।
दरअसल 6 जुलाई को अजय चंद्राकर ने खाद और बीज की कमी का दावा करते हुए धमतरी में बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस पर जानबूझकर खाद कमी के हालात पैदा करने के आरोप लगाए। अजय चंद्राकर ने रैली निकाली कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और कांग्रेस पर किसानों को परेशान करने का आरोप लगाया।
इस विरोध प्रदर्शन के बाद मंत्री कवासी लखमा से मीडिया ने पूछ लिया कि वो खाद की कमी के हालात पर क्या कहेंगे, जवाब में मंत्री लखमा बोले- अजय चंद्राकर को दिल्ली में जाकर धरना देना चाहिए क्योंकि प्रदेश में खाद केंद्र सरकार नहीं भेज रही, चंद्राकर वहां जाकर धरना देते तो किसानों का भला होता।
चंद्राकर ने दिया जवाब
इस पर जब मीडिया ने अजय चंद्राकर से प्रतिक्रिया लेनी चाही तो तीखे तेवर दिखाते हुए चंद्राकर ने कह दिया कि मैं कवासी लखमा की बातों को सीरियसली नहीं लेता वो कांग्रेस मंत्री मंडल के आइटम गर्ल हैं।
इसलिए कहा आइटम गर्ल
कवासी लखमा, बस्तर के नेता हैं और अपनी ठेठ पारंपरिक भाषा, स्टाइल के लिए जाने जाते हैं। वे किसी भी शादी-समारोह में शामिल होते हैं तो नाचने-गाने लगते हैं। कई बार उनके बस्तर के वाद्य यंत्र बजाने, नाचने के वीडियो वायरल हुए हैं। इसी तरह वे अजीब तरह के बयान देने के लिए भी खासे चर्चित रहते हैं।
क्या है खाद का विवाद
धमतरी के बाद अब सीतापुर में किसानों ने सड़क पर आंदोलन किया है। प्रदेश की सरकार का दावा है कि केंद्र सरकार को सीजन प्रारंभ होने से पहले ही अपनी डिमांड भेज दी है। राज्य सरकार ने जितनी उर्वरक की मांग भेजी थी अब तक सिर्फ 75 प्रतिशत केंद्र सरकार ने आपूर्ति की है। राज्य सरकार अपने स्तर पर लगातार कोशिश कर रही है। अफसर डिमांड पत्र भी भेज रहे हैं। इस विषय को लेकर भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं।