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छत्तीसगढ़ में ज्योत्सना ने बचा ली नाक,नहीं तो निकल गयी थी कांग्रेस की जान:लोकसभा में शर्मनाक हार के बिच 1 सीट का मिला वरदान! पढ़े खबर

रायपुर- छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से कांग्रेस क्लीन स्वीप होते-होते बच गई। कांग्रेस ने कोरबा लोकसभा सीट पर शानदार जीत दर्ज की हैं। यहां से मौजूदा सांसद ज्योत्सना महंत ने भाजपा प्रत्याशी डॉ. सरोज पांडेय को हरा दिया हैं। इस तरह एक बार फिर से ज्योत्सना महंत छत्तीसगढ़ कांग्रेस के लिए संकटमोचक साबित हुई। 2019 के चुनाव में भी ज्योत्सना महंत ने कोरबा सीट से जीत दर्ज की थी। 2019 में कांग्रेस को कोरबा और बस्तर में जीत मिली थी। वहीं 2004 में अजीत जोगी, 2009 में चरणदास महंत और 2014 में ताम्रध्वज साहू ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की लाज बचाई थी।

ऐसा राजनीतिक मिथक भी रहा है कि अमूमन कोई भी उम्मीदवार कोरबा सीट से दोबारा जीत दर्ज नहीं करता, लेकिन इस बार ज्योत्सना महंत ने इस ट्रेंड को पीछे छोड़ते हुए अपनी वापसी की हैं। चुनावी प्रचार के दौरान ज्योत्सना ने भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडेय को बाहरी करार दिया था। संभवतः स्थानीय होने का फायदा उन्हें मिला और उन्होंने सरोज पांडेय को 43 हजार से ज्यादा मतों से पराजित कर दिया। इससे पहले 2014 में मोदी लहर के बावजूद भी सरोज पांडेय दुर्ग लोकसभा सीट से चुनाव हार गई थी। उन्हें ताम्रध्वज साहू ने चुनाव में हराया था। उस समय भी कांग्रेस को एक सीट मिली थी। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद भाजपा-कांग्रेस को क्रमशः चार बार 10-1 और एक बार 9-2 सीट मिली।

भाजपा को कोरबा में झटका, बस्तर में वापसी
प्रदेश की कोरबा लोकसभा सीट पर भाजपा को लगातार दूसरी बार हार मिली है। यहां कांग्रेस की प्रत्याशी ज्योत्सना महंत ने भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रत्याशी सरोज पांडेय को हरा दिया। ज्योत्सना प्रदेश के कांग्रेस नेता व नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत की पत्नी हैं। वह दूसरी बार लोकसभा चुनाव जीतने में सफल रहीं। वहीं बस्तर लोकसभा क्षेत्र में भाजपा ने अपनी खोई हुई सीट पर वापसी की है। पिछली बार इस सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी दीपक बैज जीते थे। इस बार यहां भाजपा के प्रत्याशी महेश कश्यप ने कांग्रेस के प्रत्याशी और पूर्व मंत्री कवासी लखमा को हरा दिया है।

प्रदेश में दो सीट से आगे नहीं बढ़ पाई कांग्रेस
छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद अब तक प्रदेश में हुए पांच लोकसभा चुनाव में कांग्रेस एक या दो सीट से आगे नहीं बढ़ पाई। वर्ष 2004, 2009, 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 11 में से 10 सीट पर जीत हासिल की थी और कांग्रेस को एक सीट मिली थी। इसके पहले 2019 के चुनाव में भाजपा को 9 और कांग्रेस को 2 सीट मिली थी। उस समय ज्योत्सना महंत और दीपक बैज ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की लाज बचाई थी। 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को छत्तीसगढ़ में सिर्फ एक सीट मिली है। बस्तर लोकसभा सीट पर पंजा कमजोर हो गया और कमल खिल गया।

Navin Dilliwar

Editor, thesamachaar.in

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