दुर्ग-भिलाई विशेष

कपड़ा मार्केट विवाद : पार्किंग, शौचालय,नाली के पानी का निकासी विवाद, जमीन और दुकानों के आवंटन को लेकर विवाद, और अब दूसरे की जमीन पर कब्जे की शिकायत का विवाद…. ‘ मार्केट एक विवाद अनेक ‘, जानिए पुलगांव थोक कपड़ा मार्केट का विवाद……

दुर्ग – दुर्ग स्थित पुलगांव का थोक कपड़ा मार्केट इन दिनों लगातार खबरों पर बना हुआ है. पहले व्यापारियों और डेवलपर्स के बीच जमीन और दुकान आवंटन को लेकर विवाद सामने आई, अब व्यापारियों द्वारा साफ-सफाई नाली की व्यवस्था,शौचालय और सड़क निर्माण को लेकर मेन गेट पिछले 3 महीने से बंद होने को लेकर नाराजगी भी जाहिर की और जिम्मेदारों से गुहार भी लगाई, अब इस मामले में देखने वाली बात यह होगी कि साफ-सफाई की व्यवस्था निगम अमला करेगी या फिर केबीएम डेवलपर्स के द्वारा किया जाएगा.

 

पुलगांव स्थित थोक कपड़ा मार्केट एक बार फिर चर्चा में है। इस बार व्यापारियों द्वारा नाली की पानी की निकासी, साफ सफाई व्यवस्था, शौचालय, और विधायक अरुण वोरा द्वारा गार्डन का भूमि पूजन करने के 1 महीने बाद भी काम चालू नहीं होने का मुद्दा उठाया, तो वहीं दूसरी की जमीन पर अतिक्रमण की शिकायत सामने भी सामने आई है। इसकी शिकायत राजस्व न्यायालय में की गई है। इसके आधार पर एसएलआर सीमांकन की प्रक्रिया भी की गई। तहसीलदार प्रेरणा सिंह के निर्देश पर राजस्व निरीक्षण और पटवारियों की टीम ने मौके पर पहुंचकर जमीन का सीमांकन किया।

इधर थोक कपड़ा मार्केट और महालक्ष्मी मार्केट के व्यापारियों ने भी कमर्शियल कॉम्पलेक्स विकसित करने वाले केबीएम डेवलपर्स के भागीदार बृजमोहन खंडेलवाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पार्किंग नहीं दिए जाने से उनमें नाराजगी है। इधर रायपुर निवासी गिरजा बाई उर्फ डॉ. भावना अग्रवाल ने कब्जे की शिकायत की है। डेवलपर्स की तरफ से पक्ष नहीं रखा गया है। तहसीलदार ने केबीएम डेवलपर्स को नोटिस भेजा है।

 

आपको बताते चलें की पूर्व में इस जमीन को लेकर अलग-अलग शिकायत होते रही हैं। इसमें आवासीय भूमि पर व्यावसायिक काम्पलेक्स तैयार किए जाने को लेकर शिकायत हुई। मामले में कूटरचना की भी बात सामने आई। जांच के बाद प्रशासन की तरफ से केबीएम डेवलपर्स के बृजमोहन खंडेलवाल के विरुद्ध अपराध भी पंजीबद्ध किया गया। बावजूद जांच से लेकर अन्य प्रक्रियाएं आगे नहीं बढ़ी। एक बार पुन: इस मामले को लेकर जांच का दायरा बढ़ाया गया है। वर्तमान में उक्त थोक कपड़ा मार्केट से सटी 330 नई दुकानों का निर्माण किया जा रहा है। यहां भी पहले भूखंड बेचा गया। इसके बाद सामूहिक रूप से दुकानों का निर्माण किया जा रहा है। इसे लेकर दुर्ग निगम ने भी जांच की बात कही है।

 

{ केबीएम डेवलपर्स के अन्य भागीदारों से होगी पूछताछ }

वर्तमान में इस पूरे मामले में राजस्व, नगर एवं ग्राम निवेश विभाग, निगम द्वारा अलग-अलग स्तर पर जांच की जा रही है।धोखाधड़ी के मामले में बृजमोहन खंडेलवाल के खिलाफ पहले ही दुर्ग निगम अधिकारी राजेश पांडेय की शिकायत पर धारा 420 के तहत अपराध दर्ज है। इन सभी मामलों में अब केबीएम डेवलपर्स के भागीदारों से भी पूछताछ होगी। पार्टनरशिप डीड के मुताबिक बृजमोहन खंडेलवाल, पन्नालाल जैन, वर्षा पारख, अशोक कोठारी, कंचन कोठारी, कुसुम देशलहरा, राजेंद्र जैन, गीता पारख, संभव जैन भागीदार हैं। सबसे अधिक 22 प्रतिशत शेयर बृजमोहन खंडेलवाल के हैं।

 

जानिए आखिर क्या है कपड़ा मार्केट का पूरा मामला –

केबीएम डेवलपर्स नामक एक कंपनी बनाई गई। कंपनी में भागीदारों के शेयर तय किए गए। पार्टनरशिप डीड के मुताबिक बृजमोहन खंडेलवाल, पन्नालाल जैन, वर्षा पारख, अशोक कोठारी, कंचन कोठारी, कुसुम देशलहरा, राजेंद्र जैन, गीता पारख, संभव जैन भागीदार बनाए गए। सबसे अधिक 22 प्रतिशत शेयर बृजमोहन खंडेलवाल का तय किया गया। इसके बाद दुर्ग के व्यापारियों को 900 से 1100 वर्गफीट तक का भूखंड बेचा गया। वर्ष 2007-08 में सारी रजिस्ट्रियां हुईं। थोक कपड़ा मार्केट में 92 दुकानें बनाई गई। इसके लिए थोक कपड़ा मार्केट ने संयुक्त ले आउट अभिन्यास की स्वीकृति ली। इसके तहत पार्किगं, बाथरूम, उद्यान से लेकर अन्य सुविधाएं विकसित करने का निर्णय लिया गया, जिसे अब तक पूरा नहीं किया गया। महालक्ष्मी मार्केट 120 दुकानें बनाई गई हैं।

 

Navin Dilliwar

Editor, thesamachaar.in

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